New Delhi, 19 Dec 2014: My Home India, an organization working mainly on North East related issues, organized its annual ‘Karmayogi Award’ event here in Constitution club.
In continuation of annual Karmayogi award, which started last year, INR 1 lakh is awarded to recognize extraneous achievement of individuals towards development of North East region. This year, Dr. Joram Begi, Director, Higher & Technical Education, Govt of Arunachal Pradesh, was honoured with the Karmayogi award for his persistent efforts in the field of education in the region.
The
award was presented to Dr Joram Begi at the hands of Chief Guest for the event Shri
Bhaiyaji Joshi, General Secretary, Rashtriya Swayam Sevak Sangha (RSS). The
Union Minister for HRD Smt Smriti Irani was the Guest of honour in the
ceremony. The Award ceremony was presided over by Anil Mittal, President My
Home India.
My
Home India, established in 2005 by Sunil Deodhar, has been working on diverse
issues centered to the North East India, including advocating relevant issues,
educating and rehabilitating North East residents, spreading awareness and
strengthening the bond of oneness. Sunil Deodhar has recently been honoured
with the ‘North East: Man of the decade’ award at 7th National
Extension Education Congress at ICAR, Barapani, Shillong for his decades of
persistent efforts in the development of North East India.
The
event commenced with a documentary on My Home India and its efforts over the
years working with the residents of North East India, residing in different
geographies of the country. Renowned journalist K.G Suresh presented the
inaugural address.
Address by Sunil Deodhar, National president My Home India
Shri Sunil Deodhar, conveyor My Home India, shared his experiences of a long stay in North East India. The prevailing issues of lack of infrastructure, extreme poverty, issues of insurgency, lapsing governance structures, failing education and health facilities, and the feeling of ‘alienation’ felt by North East Indian residents residing in other parts of the country, inspired him to work towards strengthening bonds between North East and the rest of India. He shared about the incident of outrage as a reaction to incidents against North East residents in MP in 1991, when the newspapers of North East had reported it ‘action of Indians against the Nagas’. Things have changed since then and more needs to be done to bind all of us with an eternal fraternal bond.
He
also shared the works done by My Home India towards rehabilitation of victims
of human trafficking. My Home India has a helpline which helps residents of
North East, staying in other parts of India, in any time of crisis. My Home
India has also been organizing a football tournament by the name of ‘Fraternity
club’ in Mumbai and Pune to promote fraternity among North East and residents
of other parts of India.
Dr. Joram Begi
He
introduced Karmayogi awardee, Dr. Joram Begi as someone who worked for decades,
in the field of education in Arunachal Pradesh and has taught almost every
parliamentarian from the state. During Dr. Joram Begi’s tenure as the Director
of higher and technical education, Arunachal not only saw growth in educational
infrastructure but also in improvement of educational indicators like Gross
Enrolment Ratio in higher education. Dr. Begi created the foundation of
education sector in Arunachal and has played an instrumental role in both setting
up of new institutes and bettering the infrastructure of existing institutions.
In Arunachal, Dr. Begi is synonymous to education.
Dr. Joram Begi’s address
Dr.
Begi, in his address, stated that Arunachal is the most strategically located
state sharing its boundaries with China, Myanmar and Bhutan. He stated that in
1947, there were only 3 schools in Arunachal with a total enrolment of 35
students and a literacy rate of mere 7 percent. That states the backwardness of
the state. Today, the literacy rate stands at 67 percent as against the
national average of 74 percent and in enrolment ratio in higher education,
Arunachal has crossed the national average of 19 percent and stands at 23
percent. Worth mentioning is the transition rate from school to college level
which stands close to 90 percent in Arunachal, which is way higher than the
national average. He lauded the efforts of My Home India in raising voice
against the discrimination that North East residents face in other parts of the
country and strengthening the bond of oneness.
Address by Smriti Irani, Minister HRD
Guest
of honour for the event, Union Minister Smt Smriti Irani, apprised the efforts
taken by the Ministry for the North East students. She spoke of the scholarship
programme for North East students and the Ishan programme launched with due
efforts of premier institutes of the country to organize workshops for students
from North East students.
‘I
feel hurt when I hear the word Mainstream India’
Address by Chief Guest, Bhaiyaji Joshi
The
Chief Guest of the event, Shri Bhaiyaji Joshi, lauded the efforts of My Home
India, in creating awareness and advocating about North East India. He lauded
the will and strength of Arunachal people in keeping both the internal and
external anti-national devices at bay. In continuation, he stressed the need to
know more about the natural, social and ethical capital of the region. He also
lauded the efforts of Seva Bharati, in working towards reforming education
sector and peace building in the region.
‘With
a sensitive government in the center, the change movement has started’.
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प्रकाशनरार्थ
माय होम इंडिया
कर्मयोगी अवार्ड
आज देश में
संवदेनशील सरकार काम कर रही है- सुरेश
जोशी
परिवर्तन की
प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2014: विदेशी शक्तियां पूर्वोत्तर में आज भी देश को तोड़ने का काम कर रही है। वहां की सीमाएं सुरक्षित होनी चाहिए। वहां के प्रश्नों को समझने की आवश्यकता है। उक्त बाते राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश उर्फ भैया जी जोशी ने दिल्ली में माय होम इंडिया द्वारा आयोजित कर्मयोगी अवार्ड के दौरान कही। सुरेश जोशी ने कहा कि पूर्वोत्तर की एक अलग पहचान है। पूर्वोत्तर के बारे में फैली हुई भ्रांत धारणा को खत्म करने का काम माय होम इंडिया कर रहा है। कई बार हम चेहरो को देखकर पहचान बना लेते है। लेकिन चेहरा नहीं हृदय देखरकर पहचाने की जरुरत है। मैने कई बार पूर्वोत्तर भारत का प्रवास किया हैं तो अनेक अनेक प्रकार के अनुभव आए हैं। अरुणाचल में हिन्दी बोलने वाले लोग है। अरुणाचल सशक्त रुप से भारत का सीमा रक्षक राज्य है। पूर्वोत्तर को समझना होगा। क्योंकि कारगिल के युद् के दौरान नागालैण्ड के शहीदों के शव जब नागालैण्ड पहुंचे तो लोगों ने अंतकरण में छिपी देशभक्ति की भावना दिखाते हुए जय हिन्द के नारे लगाए। यह देश की एकता की ओर बढ़ता एक कदम था। वहा पर आने जाने से वहा को समझने का मौका मिलता है। रंग रूप वेश भाषा अलग है, लेकिन पूरा भारत एक है। उन्होंने कहा कि इस सब चीजों को समझने के लिए देश में संवेदनशील सरकार काम कर रही है।
माय होम इंडिया के दूसरे कर्मयोगी सम्मान समारोह का कार्यक्रम बड़े
हर्षोउल्लास के साथ दिल्ली के कान्सूटूयशन
क्लब में संपन्न हुआ। इस दौरान संस्था के संस्थापक श्री सुनील देवधर ने पूर्वोत्तर
के महत्व को समझाते हुए सभी लोगों से आह्वान किया कि सभी लोग पूर्वोत्तर की
संस्कृति और परपंरा को सम्मान करे और पूर्वोत्तर की खूबसूरती को एकबार देखकर जरुर
आए।
सुनील देवधर ने अपने पूर्वोत्तर में किए गए कार्यों का स्मरण करते हुए बताया कि संवाद की कमी का फायदा उठाकर देशविरोधी ताकते पूर्वोत्तर की हानि करने की कोशिश में लगी हुई है। लेकिन इन संवाद को बढ़ाने के लिए माय होम इंडिया पूरे देश में लोगों को मिलाकर पूर्वोत्तर और पूरे भारत के लोगों बीच संवाद बढ़ा रहा है। उसमें माय होम इंडिया की 24 घंटे हैल्पलाइन ने पिछले 9 माह में करीब 150 बालकों को अपने परिवार से बिछड़े लोगों को मिलाया है।
इसके साथ ही श्री
देवधर ने कहा कि पूर्वोत्तर को तोड़ने के लिए चाइना और बांग्लादेश ने बहुत कोशिशे
की लेकिन जोराम बेगी जैसे लोगों की वजह उनका यह प्रयास कामयाब नहीं रहा। इसके
साथ बहुत सारे ऐसे लोग है पूर्वोत्तर के
लिए अपनी पूरी जिंदगी लगाकर पूर्वोत्तर में काम कर रहे है। उनमें से एक आज के
आवार्डी श्री डॉ जोराम बेगी है। जिन्होंने इतनी पढाई करने के बाद पूर्वोत्तर के
लोगों की भलाई के लिए काम किया। श्री जोराम बेगी के शिक्षण के समय अरुणाचल में कुल
5 विद्यालय थे, काफी कठिनाईयों में उन्होंने अपनी शिक्षा ग्रहण की। श्री जोराम
बेगी अपना कर्मयोगी का परिचायक है कि उन्होंने अपनी नौकरी के दौरान कई सालों तक
अवकाश नहीं लिया। अरुणाचल के सभी विधायक
और सांसद जोराम बेगी के छात्र रहे हैं। पूर्वोत्तर की कई सरकारी संस्थाओं को डूबने
से बचाया इसमें नेरिस्ट संस्था का उदाहरण है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मानव संसाधन मंत्री श्रीमति स्मृति ईरानी ने अवार्डी श्री जोराम बेगी को बधाई देते हुए कहा त्वांग नाम की जगह तो सभी जानते हैं जीरों गई थी । वहां पर सुविधाओं की अभाव है। लेकिन उनका मंत्रालय बहुत से कार्य कर रहा है जिससे वहां पर शिक्षा का स्तर बढ सके। जिसमें पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए दो नए कार्य किए है। उनमें से एक इशान्य विकास नाम का प्रयास है। और दूसरा पूर्वोत्तर में पढने वाले कक्षा 9 से 11 के छात्रों को देश की विभिन्न आईआईटी के शिक्षको के साथ निशुल्क इन्ट्ररेक्शन का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से इशान्य उदय कार्यक्रम के तहत यूजीसी के कॉलेजों में दस हजार स्नातक के छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाएगी। वहीं उन्होंने बताया कि वह देशभर में शिक्षा के आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ऑनलाइन शिक्षा पर की कार्य कर रही। जो जल्द ही देश भर में दिखाई देगी जोराम बेगी ने कर्मयोगी अवार्ड देने पर माय होम इंडिया का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस अवार्ड के बाद पूर्वोत्तर में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। पूर्वोत्तर में शिक्षित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। चाहे वह स्कूली शिक्षा हो या क़ॉलेज की शिक्षा अब सभी लोगों का शिक्षा की ओर रूझान बढाने लगा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में चेहरो की असमानता से भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
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